दिल्ली में आम आदमी पार्टी की बयार बरकरार है। राजेंद्र नगर विधानसभा उपचुनाव में भारी बहुमत से जीत दर्ज कर पार्टी ने साबित कर दिया है कि राष्ट्रीय स्तर की भाजपा व कांग्रेस पार्टी में लोगों का विश्वास नहीं है। यह स्थिति तब है जब भाजपा ने अपने कई दिग्गजों को ना केवल चुनावी सभा के लिए बल्कि डोर टू डोर प्रचार के लिए उतारी थी। उपचुनाव से यह भी साफ हो गया है कि आने वाले दिनों मे अगर एमसीडी चुनाव का बिगुल बजता है तो आम आदमी पार्टी ही सभी राजनीतिक दलों पर भारी पड़ेगी। चुनाव कोई भी हो, आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की नब्ज पर कब्जा कर रखा है।

2 of 5
दिल्ली में राष्ट्रीय पार्टी का सिक्का एक बार फिर नहीं चला। आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के प्रति लोगों का लगाव अधिक है। पार्टी लाइन से अलग हटकर भी दिल्ली के शिक्षा मॉडल, स्वास्थ्य मॉडल, बिजली-पानी मुफ्त, महिलाओं को बसों में यात्रा मुफ्त की नीति पसंद आ रही है। राजनीति के जानकारों का भी कहना है कि इतने बड़े मार्जिन से आप प्रत्याशी का विजयी होना इस बात को साबित करता है कि आने वाले दिनों में दिल्ली में त्रिकोणीय मुकाबला मुश्किल है। जब तक कांग्रेस पार्टी दिल्ली में मजबूत नहीं होती है तब तक भाजपा की चुनावी जीत विधानसभा और एमसीडी में मुश्किल है।
भाजपा की बात करें तो इस बार उपचुनाव में हर वह हथकंडा अपनाया गया था जिससे पार्टी प्रत्याशी जीत दर्ज कर सके। भाजपा का वह दांव भी फेल हो गया, जिसमें पार्टी यह कह रही थी कि स्थानीय नेता को भाजपा ने टिकट दिया है और आम आदमी पार्टी ने बाहरी नेता को। उधर, आम आदमी पार्टी के दुर्गेश पाठक के जीत के पीछे राजनीति के जानकारों का मानना है कि एमसीडी को लगातार कटघरे में खड़ा करने से पाठक खुद दिल्ली में अपनी पहचान बना चुके थे। पाठक को पूर्वांचलियों ने भी जमकर वोट दिया तो पंजाबी व वैश्य समुदाय के लोगों ने भी। आप का वह श्लोगन भी काम आया, जिसमें कहा गया कि जिसकी सरकार उसी का विधायक। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के रोड शो से भी महौल बना। कार्यकर्ता हर बूथ पर तैनात थे और अपने वोटरों को बाहर निकालने में सफल साबित हुए।
भाजपा एक बार फिर चुनावी हार पर करेगी मंथन
पूरे दमखम के साथ उपचुनाव में उतरी भाजपा को एक बार फिर निराशा हाथ लगी है। पार्टी ने 40 स्टार प्रचारकों को एक विधानसभा में उतारा था, जिसमें केंद्रीय मंत्री, सांसद, विधायक समेत कई विरष्ठ नेता डोर टू डोर कैंपेन भी पार्टी प्रत्याशी राजेश भाटिया के लिए किए। केंद्र की नीतियों को भी अवगत कराया और आम आदमी पार्टी को कई मुद्दे पर घेरा। बावजूद यह नीति काम नहीं आई। चुनावी हार के बाद पार्टी एक बार फिर मंथन करेगी। पार्टी का मानना है कि केंद्र के कामकाज को वह आम जनता तक पहुंचाने में सफल नहीं हो पाई है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि अग्निपथ योजना से जहां युवाओं में नाराजगी थी तो वहीं पढ़े-लिखे लोगों का एक तबका नूपुर शर्मा व नवीन जिंदल प्रकरण से भी नाराज था। लिहाजा पार्टी मंथन कर यह पता करेगी कि किस वजह से भाजपा की करारी हार हुई है।
पूरे दमखम के साथ उपचुनाव में उतरी भाजपा को एक बार फिर निराशा हाथ लगी है। पार्टी ने 40 स्टार प्रचारकों को एक विधानसभा में उतारा था, जिसमें केंद्रीय मंत्री, सांसद, विधायक समेत कई विरष्ठ नेता डोर टू डोर कैंपेन भी पार्टी प्रत्याशी राजेश भाटिया के लिए किए। केंद्र की नीतियों को भी अवगत कराया और आम आदमी पार्टी को कई मुद्दे पर घेरा। बावजूद यह नीति काम नहीं आई। चुनावी हार के बाद पार्टी एक बार फिर मंथन करेगी। पार्टी का मानना है कि केंद्र के कामकाज को वह आम जनता तक पहुंचाने में सफल नहीं हो पाई है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि अग्निपथ योजना से जहां युवाओं में नाराजगी थी तो वहीं पढ़े-लिखे लोगों का एक तबका नूपुर शर्मा व नवीन जिंदल प्रकरण से भी नाराज था। लिहाजा पार्टी मंथन कर यह पता करेगी कि किस वजह से भाजपा की करारी हार हुई है।
उधर, कांग्रेस पार्टी की बात करें तो पार्टी ठीक से चुनाव नहीं लड़ पाई। कई मौके पर तो पार्टी प्रत्याशी ही अपने चुनावी मुहिम में जुटी रही। राष्ट्रीय नेता तो दूर पूर्व सांसद तक क्षेत्र में प्रचार करने में कोताही बरतते रहे। इतना ही नहीं आम आदमी पार्टी की बयार के आगे कोई कद्दावर नेता चुनाव में उतरने तक के लिए तैयार नहीं था। इस सीट पर जीत का सूखा अभी भी भाजपा व कांग्रेस के लिए खत्म नहीं हुआ है और आम आदमी पार्टी ने जीत का हैट्रिक लगाई है। राघव चड्ढा के राज्यसभा के लिए चुने जाने के बाद आप ने दुर्गेश पाठक पर दांव खेला था, जो बिल्कुल सही साबित हुआ।
चुनावी हार पर प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष राजन तिवारी ने कहा कि उम्मीद नहीं था कि कांग्रेस पार्टी प्रत्याशी का इतना बुरा हाल होगा। पार्टी चुनावी हार पर चिंतन-मनन करेगी। पूरी मेहनत करेंगे, जो नाराज हैं, उन्हें मनाने की कोशिश हागी। अगामी विधानसभा व एमसीडी चुनाव में पार्टी शानदार जीत दर्ज कर दिल्ली में सरकार बनाएगी।