सीएमआईई की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार 26 राज्यों की बेरोजगारी दर की सूची में उत्तराखंड का 15वां स्थान है।
उत्तराखंड में बेरोजगारी एक बार फिर ऊपर चढ़ने लगी है। विधानसभा चुनाव के दौरान बेरोजगारी दर में कुछ कमी आई थी। जानकारों का मानना था कि इसकी वजह विधानसभा चुनाव के दौरान मिलने वाले आंशिक काम रहे। चुनाव निपटने के बाद अब चुनावी राज्यों में बेरोजगारी की दर में उछाल आया है।
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी प्राइवेट लिमिटेड (सीएमआईई) ने मासिक बेरोजगारी के आंकड़े जारी किए हैं। इनके मुताबिक, पिछले दो महीने में ही उत्तराखंड में बेरोजगारी दर 3.5 प्रतिशत से 4.7 प्रतिशत हो गई है। हालांकि 26 राज्यों की बेरोजगारी दर की सूची में उत्तराखंड का 15वां स्थान है।
दिसंबर 2021 में पांच फीसदी थी राज्य की बेरोजगारी दर
उत्तराखंड में 14 फरवरी को चुनाव हुआ। इससे पूर्व दिसंबर से जनवरी महीने में सभी राजनीतिक दलों ने खूब प्रचार किया। माना जा रहा है कि चुनाव में अलग-अलग वर्गों के लोगों को आंशिक रोजगार मिला। बेरोजगारी के आंकड़े इसकी तस्दीक कर रहे हैं। दिसंबर 2021 में राज्य की बेरोजगारी दर पांच फीसदी थी।
जनवरी में यह घटकर 3.5 फीसदी रह गई जबकि फरवरी में यह बढ़कर 4.6 तक पहुंच गई। पिछले वर्ष की तुलना में राज्य की बेरोजगारी की दर कुछ कम है। वर्ष 2020-21 में दिसंबर महीने में 5.2 फीसदी बेरोजगारी दर थी। जनवरी 2022 में यह बढ़कर 4.5 और फरवरी में 4.7 प्रतिशत हो गई।
दूसरे चुनावी राज्यों में भी बढ़ी बेरोजगारी दर
फरवरी महीने में उत्तर प्रदेश की बेरोजगारी दर 2.7 प्रतिशत रही, जो दूसरे सभी चुनावी राज्यों से कम है। वहां विधानसभा के चुनाव चल रहे हैं। पंजाब में पिछले दो महीनों में बेरोजगारी की दर 9 फीसदी पर स्थिर रही। जबकि गोवा में जनवरी महीने में बेरोजगारी दर 12 फीसदी से घटकर 11.6 फीसदी हो गई थी, जो फरवरी में फिर 12 फीसदी पर पहुंच गई है।
फरवरी महीने में किस राज्य की क्या बेरोजगारी दर
पश्चिम बंगाल 6.3 फीसदी।