नई दिल्ली/टीम डिजिटल। एक पिता ने अपनी बीमार बच्ची की जान बचाने की खातिर नौकरी छोड़ी, घर का सामान बेच दिया,फिर भी बच्ची की हालत ठीक नहीं हो पाई, लगातार दर्द से कराहती रही।
हताश होकर बाप ने बच्ची का गला घोट हत्या कर दी और खुद भी फांसी लगा ली।
ये दर्दनाक वाक्या नरेला औद्योगिक क्षेत्र के होलंबी कला में हुआ। पुलिस को शुरुआती जांच में पता चला है कि पिता आर्थिक तंगी से गुजर रहा था और 5 साल से बच्ची के इलाज के दौरान उसके पास सब कुछ खत्म हो गया था,जिसके बाद उसने ये कदम उठाया। पुलिस को मौके पर से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।
मौके पर पहुंची कमरे में सुरेश शव फंदे के सहारे छत्त की कड़ी से लटका था। पास ही बिस्तर पर मानसी का शव पड़ा था। उसपर कंबल डला हुआ था। शरीर पर कोई चोट या गला घोंटने का निशान भी नहीं था, सुरेश के शव को जब नीचे उतारा उसक जीभ उसके दांतों के बीच थी।
सुरेश के भतीजे रोहन ने बताया कि उसकी दादी ने सुरेश को खाना खाने के लिये आवाज दी थी। लेकिन कई बार आवाज देने परकोई जवाब नहीं दिया। दादी जब कमरे में गई। उनके चिल्लाने की आवाज सुनकर वह भी कमरे में तुरंत पहुंचा। इसके तुरंत बाद पुलिस और चाची को वारदात की जानकारी दी थी।
पिता की पहचान सुरेश (32) के रूप में हुई है। सुरेश परिवार के साथ मैट्रो विहार होलंबी कलां में किराये के मकान में रहता था। परिवार में उसकी पत्नी रामा देवी और दो बेटों व दस साल की बेटी मानसी थी। 5 साल पहले यह मानसी दूसरी मंजिल से गिर गई थी। उसका तभी से उपचार चल रहा था। वह मानसिक रूप से भी कमजोर थी।
बेटी के उपचार में लगे रहने से सुरेश की प्राइवेट नौकरी भी चली गई थी। उसकी पत्नी रामा देवी सब्जी मंडी में सफाई का काम करती है।