तीर्थाटन व पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण उत्तराखंड में रोपवे परियोजनाओं को लेकर सरकार गंभीरता से कदम बढ़ा रही है। इस कड़ी में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई राज्य वन्यजीव बोर्ड की बैठक में सोनप्रयाग से केदारनाथ, गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब और हरिद्वार में हरकी पैड़ी से चंडी देवी तक रोपवे परियोजनाओं के लिए वन भूमि हस्तांतरण के प्रस्तावों को हरी झंडी दे दी गई।
बैठक में अन्य कई महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए गए
केदारनाथ के लिए प्रस्तावित रोपवे की लंबाई 11.5 किमी है। इसका निर्माण होने पर यह विश्व के सबसे लंबे रोपवे में शामिल हो जाएगा। इससे सोनप्रयाग से केदारनाथ तक की दूरी 25 मिनट में तय हो सकेगी। बैठक में अन्य कई महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए गए।
आर्थिकी व पारिस्थितिकी में सामंजस्य बनाकर चलना होगा
सचिवालय के वीर चंद्र सिंह गढ़वाली सभागार में हुई बोर्ड की 17वीं बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि वन, वन्यजीव व प्रकृति का संरक्षण आवश्यक है तो राज्य का विकास भी। ऐसे में हमें आर्थिकी व पारिस्थितिकी में सामंजस्य बनाकर चलना होगा। उन्होंने राज्य स्तर से अनुमोदन के बाद केंद्र को भेजे जाने वाले प्रस्तावों का लगातार फालोअप करने और आवश्यकता होने पर इसके लिए विशेष अधिकारी की नियुक्ति के निर्देश दिए।
पौधों के रोपण को जन-जन का उत्सव बनाने पर भी जोर
साथ ही मानव-वन्यजीव संघर्ष की रोकथाम को प्रभावी कदम उठाने, फसलों को बंदरों से बचाने को यथासंभव तकनीक का उपयोग करने के साथ ही समस्या का स्थायी समाधान खोजने, हरेला पर्व पर फलदार पौधों के रोपण को महत्व देते हुए इस पर्व को जन-जन का उत्सव बनाने पर भी जोर दिया।
खच्चर मार्ग के निर्माण के लिए वन भूमि देने के प्रस्ताव पर सहमति दी गई
बैठक में योजनाओं के लिए वन भूमि हस्तांतरण, खनन, मानव वन्यजीव संघर्ष जैसे विषयों से जुड़े प्रस्ताव रखे गए। बैठक में केदारनाथ धाम में रामबाड़ा से गरुड़चट्टी के बीच 5.35 किलोमीटर लंबे खच्चर मार्ग के निर्माण के लिए वन भूमि देने के प्रस्ताव पर सहमति दी गई। कहा गया कि इससे यात्रियों को सुविधा मिलेगी।